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जादुई शाम -20-Apr-2023

प्रतियोगिता हेतु
दिनांक: 20/04/2023
जादुई शाम

जादुई शाम सी तुम नज़र आने लगी हो,
नहीं मिलती तो तड़प बढ़ाने लगी हो।
कैसे संभाले हम अब ये दिल अपना?
मेरे ख्वाबों की दुनिया में समाने लगी हो।
जादुई शाम सी तुम नज़र आने लगी हो,
नहीं मिलती तो तड़प बढ़ाने लगी हो।।

क्या करें ऐसा कि दिल को काबू कर सकें?
जादुई शाम में हम और भी जादू भर सकें।
बार बार मेरे दिल की धड़कनों से टकराने लगी हो,
मुझे अपना बनाकर खूशबू फैलाने लगी हो।
जादुई शाम सी तुम नज़र आने लगी हो
नहीं मिलती तो तड़प बढ़ाने लगी हो।।

शाहाना परवीन "शान"...✍️ 


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2 Comments

Sachin dev

21-Apr-2023 06:09 PM

Nice

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Reena yadav

21-Apr-2023 09:50 AM

👍👍

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